



माननीय मुख्यमंत्री जी आपकी जनता आपसे एक सवाल पूछना चाहती है की १ रुपये में चावल देकर आप किसका भला कर रहे हैं?
गरीबों की , किसानों की ,हम मध्यमवर्गीय लोगों की या फ़िर उच्च वर्गों की ?
आपके १ रुपये का चावल का अधिकांश भाग कहाँ जाता है ? यह बात किसी से छुपी नही है।
अब बात रह गयी किसानों और मध्यमवर्गीय परिवारों की जो इन गरीब मजदूरों के ऊपर निर्भर है उनका क्या होगा ?
उन किसानों के खेतों में मेहनत-मजदूरी करके ये मज़दूर दो रोटी कमाते थे।
पर अब आप सब राजनीतिज्ञों की मेहरबानी से वे मेहनत करने से कतराते हैं। ढूँढने पर बड़ी मुश्किल से कुछ मजदूर मिलतें हैं।
आप उनको कब तक एक रूपये किलो में चावल देते रहेंगे जनाब ? आख़िर एक दिन तो आपको सत्ता से जाना पड़ेगा तब इन गरीब मजदूरों का क्या होगा?
जब उन मजदूरों की जगह मशीने ले लेंगी तब तो ये कहीं के भी नही रह जायेंगे। आख़िर मध्यम वर्ग कब तक देखते रहेंगे कोई न कोई समाधान तो ढूँढ ही लेंगे।
और ये एक रूपये में चावल प्राप्त करके १ रुपये कमाने लायक भी नहीं रह जायेंगे।
सिर्फ़ वोट के खातिर तो उनको बरबाद न करें।