Monday, October 5, 2009

"एक रुपये किलो में चावल ले लो ......."

माननीय मुख्यमंत्री जी आपकी जनता आपसे एक सवाल पूछना चाहती है की १ रुपये में चावल देकर आप किसका भला कर रहे हैं?

गरीबों की , किसानों की ,हम मध्यमवर्गीय लोगों की या फ़िर उच्च वर्गों की ?

आपके १ रुपये का चावल का अधिकांश भाग कहाँ जाता है ? यह बात किसी से छुपी नही है।

अब बात रह गयी किसानों और मध्यमवर्गीय परिवारों की जो इन गरीब मजदूरों के ऊपर निर्भर है उनका क्या होगा ?

उन किसानों के खेतों में मेहनत-मजदूरी करके ये मज़दूर दो रोटी कमाते थे।

पर अब आप सब राजनीतिज्ञों की मेहरबानी से वे मेहनत करने से कतराते हैं। ढूँढने पर बड़ी मुश्किल से कुछ मजदूर मिलतें हैं।

आप उनको कब तक एक रूपये किलो में चावल देते रहेंगे जनाब ? आख़िर एक दिन तो आपको सत्ता से जाना पड़ेगा तब इन गरीब मजदूरों का क्या होगा?

जब उन मजदूरों की जगह मशीने ले लेंगी तब तो ये कहीं के भी नही रह जायेंगे। आख़िर मध्यम वर्ग कब तक देखते रहेंगे कोई न कोई समाधान तो ढूँढ ही लेंगे।

और ये एक रूपये में चावल प्राप्त करके १ रुपये कमाने लायक भी नहीं रह जायेंगे।

सिर्फ़ वोट के खातिर तो उनको बरबाद न करें।

4 comments:

SACCHAI said...

" behad sahi ....mantri { neta } sirf khel khelte hai to vote ke liye hi ..."

----- eksacchai { AAWAZ }

http://eksacchai.blogspot.com

http://hindimasti4u.blogspot.com

A.P.Sahu said...

आपका लेख सराहनीय एवम प्रशंसनीय है.

पाठकों से निवेदन है की जो एक रु. किलो में चावल जो मजदूर ले रहे हैं उनको समझाए की एक दिन ही कार्य करके ५ दिन अनुपस्थित न रहे पुरे दिन मेहनत कर ही पैसा कमाए और अपने परिवार को भरण पोषण सही ढंग से करें क्योंकि सर्कार की योजना कुछ वर्षों की है.

Anonymous said...

ya you are right roshani ji.

संजय भास्‍कर said...

बढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.
ढेर सारी शुभकामनायें.

SANJAY KUMAR
HARYANA
http://sanjaybhaskar.blogspot.com