इस पर बराबर ध्यान बना रहे तभी हम अनावश्यक और आवश्यक वस्तुओं की समीक्षा और मूल्यांकन कर पायेंगें|
नहीं तो हमारी स्थिति एक मकड़ी की तरह रहेगी जो एक दिन अपने ही बनाये जाले में फंस कर........जाती है|
नहीं तो हमारी स्थिति एक मकड़ी की तरह रहेगी जो एक दिन अपने ही बनाये जाले में फंस कर........जाती है|
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