जब तक हम अपनी शिक्षा व्यवस्था में से Lord Macaulay को ना निकाल कर अपनी पूर्व व्यवस्था को स्थापित ना कर दें तब तक हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य महत्वहीन है। सिर्फ भाषा अपनाने से काम ना बनेगा अपनी संस्कृति और डूबती विरासतों को भी बचाना होगा। वरना ये पश्चिमी देश हिंदी भाषा का उपयोग करके ही आपको लूट डालेंगे और आपको पता ही नहीं चलेगा।
उदाहरण के लिए टीवी पर आने वाले सारे विज्ञापन हिंदी में ही होते हैं चाहे हमारे हों या चाहे पश्चिमी देशों के और हमारे प्रिय नेताओं के लिए वोट भी तो हिंदी में ही मांगे जाते हैं।
मकसद उनका सिर्फ एक ही है "लूटना"
1 comment:
नमन हमारा भी हिन्दी को ... राष्ट्र भाषा को ...
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