"फिर दहली दिल्ली" "हूजी ने ली जिम्मेदारी" "अफज़ल को माफ़ करो नहीं तो सुप्रीम कोर्ट को उड़ा देंगें" "१२ मरे९४ घायल"
शहीद हुई जनता को जनता की ओर से श्रद्धांजलि.....
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दोबारा हुई जनता हलाल!
तुम जनता किस पर भरोसा कर रही हो? सरकार पर? वह तो खुद ही हमारे शोषण में लगी हुई है , हमें चूस कर चूसकर जमा करने में लगी है। याद नहीं वह ४ जून वाली काली रात जब हमारी सरकार ने हमें कुचलने के लिए किसतरह का षड्यंत्र रचा था? यदि बाबा रामदेव जी सतर्क नहीं रहते तो ना जाने कितने लोग मारे जाते शायद इनविस्फोट में शहीद हुए लोगों से भी ज्यादा।
हम चारों तरफ से दुश्मनों से घिरे हुए हैं , अन्दर के और बाहर के।
शहीद हुई जनता को जनता की ओर से श्रद्धांजलि.....
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दोबारा हुई जनता हलाल!
तुम जनता किस पर भरोसा कर रही हो? सरकार पर? वह तो खुद ही हमारे शोषण में लगी हुई है , हमें चूस कर चूसकर जमा करने में लगी है। याद नहीं वह ४ जून वाली काली रात जब हमारी सरकार ने हमें कुचलने के लिए किसतरह का षड्यंत्र रचा था? यदि बाबा रामदेव जी सतर्क नहीं रहते तो ना जाने कितने लोग मारे जाते शायद इनविस्फोट में शहीद हुए लोगों से भी ज्यादा।
हम चारों तरफ से दुश्मनों से घिरे हुए हैं , अन्दर के और बाहर के।
हमें अब अपनी सुरक्षा स्वयं करनी होगी और मिलकर रहना होगा। हमें जोश के साथ होश से भी काम लेना होगा।
अभी तक हम एक दूसरे को मारने में ही लगे हुए हैं चंद रुपयों के लालच में! अफ़ज़ल, कसाब ये सब तोकठपुतलियाँ हैं किसी और के हाथों की इसे समझना होगा।
जब भी काले धन का जिक्र होने लगता है या फिर अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा सामने आता है वैसे ही हमारा ध्यान अन्यबातों पर कर दिया जाता है। सबसे दुखद पहलु यह होता है कि अधिकांश मिडिया वाले इनके हाथों बिके होते हैं।
क्यों नहीं किसी मंत्री के घर बम धमाका नहीं होता? क्योंकि देश के सुरक्षा में लगे जवानों को अपनी सुरक्षा में लगालिया है? या फिर ये ही विस्फोट करवाते हैं?
इस वक्त सुप्रीम कोर्ट में काले धन के मुद्दे पर बात चल रही है हो सकता है इससे जुड़े लोग और देश ने विस्फोटकरवाया हो?
खैर कारण जो भी हो हम तो रोज ही, हर पल मरते हैंभूख, महंगाई, बेगारी और कर्ज से....
मूल रूप से ध्यान देने वाली बात यह है कि जनहित में कौन कौन लगे हुए हैं? कौन हमें सही समझ के साथ, हमारीजड़ों को मजबूत करना चाहते चाहता है?गौर करिए और उसे मजबूत बनाइये व खुद भी बनिए।
आप समाचार पत्रों व News Channel के पिपली लाइव जैसे तमाशों में ध्यान ना लगा कर अपना दिमाग लगायें।सही वस्तुस्थिति को समझें व व्यवहार करें।
अगर आप मेरा विचार जानना चाहते हैं तो इस वक्त मुझे जो महान व्यक्तित्व और संस्था नज़र आती है और जोसही मायने में समाज सेवा कर रहे हैं, वे हैं प्रजापिता ब्रह्मकुमारी और बाबा ए नागराज जी। बाबा नागराज जीद्वारा रचित मध्यस्थ दर्शन की सहायता से मानवीय मूल्यों का जीवन में समावेश, शिक्षा के माध्यम से कियाजाने वाला प्रयास सराहनीय है।
और बाबा रामदेव जी का ग्रामोद्योग व स्वदेशी अभियान, स्वास्थ्य अभियान, भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान वकाले धन की वापसी का अभियान और बढ़ते अंग्रेजीकरण से पड़ने वाले प्रभाव की समझ सराहनीय है।
इन महान व्यक्तित्व के अलावा और भी ऐसे कई कई व्यक्तित्व होंगें जिन्हें हमें पहचान कर इनके बताये मार्ग परचलकर स्वयं को, परिवार, समाज, देश तथा विश्व को मजबूत बना सकते हैं।
वरना ये भ्रमित तत्व अज्ञानता वश हमें भूख, गरीबी, महंगाई, कर्ज, गन्दगी और चिकित्सा असुविधा में ही रखकरराज करना चाहती है।
"राज करना या शासन करना मतलब ही शोषण होता है...."
जनता का सच्चा सेवक वही होता है जो या तो स्वयं उदाहरण होता है और जीने के नए आयाम पेश करता है याफिर वह जनता की संपत्ति या दान को सही समझ के साथ समाज की भलाई में लगता है पारदर्शिता के साथ।
अन्ना हजारे जी के नेतृत्व में देश ने सत्य, अहिंसा ,प्रेम और उपवास रूपी हथियार के प्रयोग का स्वाद चख लियाहै। हमने इस वक्त गाँधी क्रांति का महत्व भी समझ लिया और अपनी ताकत को भी देखा लिया है।
पर! हमें इस वक्त सतर्क रहकर सही को समझने का प्रयास करना होगा। मानवीय मूल्यों और आदर्शों को पहचानकर अपने जीवन में समावेश कर एक नए और सुदृढ़ समाज, देश और विश्व का निर्माण करना होगा। इस प्रकारएक ऐसी मानवीय परंपरा स्थापित होगी जो समस्त अस्तित्व को समझकर प्रकृति के साथ और आपस मेंतालमेल से जी पायेगी।
जय हिंद !
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भूमि स्वर्गताम यातु, मनुष्यों यातु देवताम,
धर्मो सफलताम यातु, नित्यं यातु शुभोदयम॥
भूमि स्वर्ग हो, मनुष्य देवता हों,
धर्म सफल हो, नित्यमंगल हो॥
May Earth be Heaven, May Humans be divine,
May Dharma Prevail, May Goodness Arise Forever। "बाबा श्री ए नागराज जी"
2 comments:
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