Tuesday, April 11, 2023

आरिफ़ और उसका दोस्त सारस

एक महीने बाद आज आरिफ़ भाई जी और उसके दोस्त सारस का कानपुर चिड़ियाघर में आपस में मिलना हुआ। दोनों ही भावुक और खुश थे। सारस को एक बंद बाड़े में रखा गया है उसे दूर से ही देखने की परमिशन है।



सारस जो की आरिफ़ भाई जी को उनके खेत में घायल अवस्था में मिला था तो उन्होने वही किया जो एक मानव का फर्ज था। उसने उसकी मरहम पट्टी की, खूब सेवा की, खूब प्यार किया, एक बच्चे की तरह रखा। साथ में खाना, घूमना यह सब चलता रहा। सारस जब उसे मन करता उड़कर जंगल अपने परिवार से मिलकर आता पर बाकी समय उसे आरिफ़ के साथ ही रहना पसंद था।  





उनके प्रेम को देखकर एक राजनीतिज्ञ जी मिलने आते हैं वैसे ही सत्ता में बैठे पक्ष की आँखें पूरी तरह चौकन्नी हो जाती है।
बस यहीं से शुरू होती है एक और कहानी –दुखों की कहानी, अमानवीयता की कहानी, कानून के आड़ में घिनौनी राजनीतिक चाल की कहानी।
दोनों को एक दूसरे से जुदा कर दिया जाता है पहले सारस को एक पक्षी विहार में रखा जाता है जहाँ से वह उड़ कर किसी गाँव में पहुँच जाता है वहाँ से फिर वन विभाग उसे पकड़ कर कानपुर चिड़ियाघर में क्वारंटाइन कर देती है। एक आजाद पंछी को कैद कर लिया जाता है।
अब यहाँ से मेरे मन में राजनीतिज्ञों के अहंकार और ईर्ष्या पर प्रश्न के साथ चिड़ियाघर की औचित्यता पर भी प्रश्न उठता है कि इसका प्रयोजन क्या?
क्या हम इंसानों के मनोरंजन के लिए इन वन्य प्राणियों को पिंजरे में रखा जाना प्रयोजन है?
अगर ऐसा है तो यह इंसानियत के विपरीत है।
या बीमार पशु पक्षी की देखभाल के लिए चिड़ियाघर है?
अगर बीमार पशु की देखभाल के लिए है तो उसे इलाज के पश्चात परिस्थिति अनुसार वापस उसके रहवास में छोड़ देना चाहिए!
या सेंचुरी में रखना चाहिए!
सुरक्षा के नाम पर किसी को पिजड़े में कैद करना और सोचना कि वह खुशहाल है यह आपके समझदारी पर प्रश्न चिन्ह है।
--
दूसरा प्रश्न है हम बच्चों के सामने क्या उदाहरण रखना चाहते हैं?
• पहला दृश्य यह कि एक आदमी ने बहुत प्यार से एक जीव/ पंछी का पोषण कर रहा है, आजाद रखा है और दोनों खुश हैं।
• दूसरा दृश्य जीव जानवर स्वच्छंद अपने प्राकृतिक आवास में घूम फिर रहे हैं।
• तीसरा दृश्य बहुत से जीव जानवरों को छोटे छोटे पिंजरे में रखा गया है। जहाँ न वे अच्छे से घूम पाते हैं न उड़ पाते हैं?
--
कौन से दृश्य से बच्चों के मन में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा?
• पहला दृश्य से बच्चों के सामने एक मानव कैसे चारों अवस्था के साथ सुंदर से तालमेल के साथ रह पा रहा है या रह सकता है यह सीखने को मिलता है।
(आज जब एक घायल पंछी को इलाज कर नया जीवन दान के बदले यह प्रताड़ना मिल रही है तो कौन आगे घायल जीव जन्तु की रक्षा के लिए आगे आएगा?)
• दूसरा दृश्य - बच्चों के मन में जीव जंतुओं के प्राकृतिक आवास मे उनके रहन सहन के प्राकृतिक तरीकों को देख कर उसे प्राकृतिक आवास की व्यवस्था को कैसे बनाए रखें जिसमें वे सुरक्षित रहें इस पर ध्यान जाता है।
• तीसरा दृश्य- इससे बच्चों के मन मे यह जाएगा कि प्रकृति की हर एक अवस्था को पिंजरे मे मनोरंजन के लिए रखा जा सकता है। बस दाना पानी का इंतजाम कर लो। आजादी की खुशी क्या होती है बच्चे तो यह कभी समझ ही नहीं पाएंगे।
बच्चों के लिए शिक्षा का उदाहरण इन्हीं समाजों से आएगा न कि पिंजरों से? इसलिए आप सभी बड़े राजनेताओं से विनम्र विनती है कि ऐसे सुंदर शिक्षा प्रद वातावरण को थोड़ी बहुत और सुधार कर और भी बढ़ावा दिया जाए। इन्हें कुचला न जाए।
--
अगला प्रश्न यदि कोई जीव जन्तु की प्रजाति खत्म होने की अवस्था मे आ गई है तो इसके जिम्मेदार कौन?
क्या उन्हें पिंजरे में बंद कर रखने से वे सुरक्षित हैं? क्या यह समाधान है?
क्यों उनके प्राकृतिक आवास उजाड़े जा रहे हैं? क्यों जंगलों को अपने लालच के लिए काटे जा रहे हैं? क्यों?
पहले आप/हम अपनी मानसिकता पर काम करें। प्रकृति की व्यवस्था को समझें, प्रकृति के नियम समझें उसके अनुसार कार्य करें।
आरिफ़ ने कुछ भी गुनाह नहीं किया। उसने प्रकृति के नियमों के अनुसार ही उस सारस की मदद की। उसे आजाद रखा। आरिफ़ एक मानव हैं इसलिए उसने मानवीयता दिखाई यही प्रकृति का नियम है। जिसके लिए उन्हें बहुत बड़ा पुरस्कार मिलना ही चाहिए।
और उसके लिए वह बड़ा पुरस्कार होगा....
“उसका दोस्त सारस!”

No comments: