ओ देशद्रोहियों! थोड़ी बहुत हमदर्दी बची थी तुम्हारे लिए मगर तुम्हारी कायराना हरकत ने वह हमदर्दी भी छीन ली।
क्या हासिल हुआ तुम्हें (माओवादियों /नक्सलियों ) इतने नागरिकों की जानें लेकर?
दंतेवाड़ा (बस्तर) की एक बस और शुकवार को पश्चिम बंगाल में एक भीषण ट्रेन हादसे को अंजाम देकर तुमने यह साबित कर दिया कि तुम आतंकवादी ही हो और कुछ नहीं, तुम्हारा कोई मकसद नहीं सिर्फ अराजकता और अशांति फ़ैलाने के सिवा।
देश की जनता तुम्हारे इस घिनौने हरकत के लिए कभी नहीं माफ़ करेगी। अपनी माँग मनवाने का यह तरीका सिर्फ सरफिरों का ही हो सकता है।
इतिहास में तुम सिर्फ काले पन्ने के रूप में दर्ज किये जाओगे।
3 comments:
आपकी वाणी में स्वाभाविक जन आक्रोश है. मगर ये राजनीतिक लोग कब चेतेंगे? क्या इते निर्ल्लज और स्वार्थी हो गए हैं? कहाँ थमेगी यह कहर? जन आक्रोश को अभिव्यक्त करता एक साहसी पोस्ट बधाई इस सहस की, इस अभिव्यक्ति को.
Dr.J.P.Tiwari जी शुक्रिया.
मै आपके समर्थन का सहृदय स्वागत करती हूँ .
रोशनी
ekdam sahi bat hai par hamari sarkar ki ye dhulmul niti bhi isi ko hi badhava de rahi hai..
http://iisanuii.blogspot.com/2010/06/blog-post_05.html
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