स्वराज्य का अर्थ समझे, जीये व समझाए बिना स्वराज्य नहीं आ सकता| अभी वर्तमान में स्वराज्य का अर्थ मेरा राज्य/ मेरा अधिकार ही प्रतीत होता है|
स्वयं के साथ प्रकृति समग्र का अध्ययन के पश्चात ही "स्वराज्य शब्द" का अर्थ हमारी मानसिकता में बैठने लगती है..स्वीकृति बनती है और प्राथमिकता बनने पर वैसा जीने का प्रयास स्वस्फूर्त होने लगता है इस प्रकार स्वयं का सार (स्वयं को, अस्तित्व को,संबंध को) जानकर, पहले हम स्वयं व्यवस्था में होते हैं तत्पश्चात बाहर व्यवस्था के लिए स्रोत हो जाते हैं...यही स्वराज्य है...यही स्वयं का वैभव है...
स्वयं के साथ प्रकृति समग्र का अध्ययन के पश्चात ही "स्वराज्य शब्द" का अर्थ हमारी मानसिकता में बैठने लगती है..स्वीकृति बनती है और प्राथमिकता बनने पर वैसा जीने का प्रयास स्वस्फूर्त होने लगता है इस प्रकार स्वयं का सार (स्वयं को, अस्तित्व को,संबंध को) जानकर, पहले हम स्वयं व्यवस्था में होते हैं तत्पश्चात बाहर व्यवस्था के लिए स्रोत हो जाते हैं...यही स्वराज्य है...यही स्वयं का वैभव है...
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