Wednesday, July 2, 2014

भगवान????

......... ने इन लाखो लोगो को अकाल से क्यूँ पीड़ित होने दिया यदि वो भगवान या चमत्कारी थे? क्यूँ इन लाखो लोगो को भूंख से तड़प -तड़प कर मरने दिया?

{5}.......... के जीवन काल के दौरान बड़े भूकंप आये जिनमें हजारो लोग मरे गए।
(a) १८९७ जून शिलांग में
(b) १९०५ अप्रैल काँगड़ा में
(c) १९१८ जुलाई श्री मंगल असाम में

........... भगवान होते हुए भी इन भूकम्पों को क्यूँ नहीं रोक पाए?…क्यूँ हजारो को असमय मरने दिया?
यह एक कमेन्ट मैंने आज पढ़ा| इस पर प्रश्न उठे|
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प्रश्न-
क्या भगवान चमत्कारी होते हैं? क्या वे किसी भी भयंकर आपदा (भूकंप,ज्वालालामुखी) को रोक सकते हैं?
या फिर वे सभी रहस्यों से आपको मुक्त करते हैं और भयंकर आपदा का कारण और उसका निदान बताते हैं?
और ये जो भी आपदा आती है वह धरती के व्यवस्था के अर्थ में होती है या फिर धरती की तबाही के लिए?

प्रश्न-
भूख से मरने के लिए कौन जिम्मेदार है?
पदार्थ अवस्था, प्राण अवस्था (पेड़ पौधे और साँस लेती कोशिकाएँ), जीव अवस्था या फिर मानव अवस्था?

प्रश्न-
भगवान को क्या करना चाहिए?
क्या उनको हर भूखे के लिए खाना की व्यवस्था करनी चाहिए या फिर वे इन चार अवस्था ( पदार्थ अवस्था, प्राण अवस्था (पेड़ पौधे और साँस लेती कोशिकाएँ), जीव अवस्था, मानव अवस्था) में से एक इस आपदा के लिए जिम्मेदार अवस्था को "समझदार" बनने की प्रेरणा देनी चाहिए ताकि किसी भी आपदा के लिए वे आपस में सहयोग कर उससे निपटने के लिए सहज रूप से तैयार रहें|
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इसे जाँचे|

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